Day: October 23, 2013
वक़्त
October 23, 2013
हर ख़ुशी है लोगों के दामन में, पर एक हंसी के लिये वक़्त नहीं | सारे रिश्तों को तो हम मार चुके, अब उन्हें दफ़नाने
हर ख़ुशी है लोगों के दामन में, पर एक हंसी के लिये वक़्त नहीं | सारे रिश्तों को तो हम मार चुके, अब उन्हें दफ़नाने
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