Month: November 2014

भाव/फल

दु:खी होकर/अज्ञानता से शरीर छोड़ने के भाव से पापबंध, मोक्ष सुख के लिये आनंद और ज्ञान सहित समाधिमरण करने से पुण्य/मोक्ष । क्रिया दोनों में

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प्रेम/राग

जिसमें आकुलता, वह राग । जिसमें निराकुलता, वह प्रेम । मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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Trust

Friends- How will you react, if I cheat you ? My decision was to trust you, proving it right or wrong is your’s. (Mrs.Parul-Vadodara)

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वृत्तिपरिसंख्यान

मुनियों के मूलगुणों में ये नहीं आता । मुद्रा छोड़ने के बाद कायोत्सर्ग व सिद्धभक्ति करने से पहले, मुनि दुबारा मुद्रा लेकर दूसरे घरों में

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नियम

टूटने के डर से काँच का कीमती सामान खरीदना रद्द तो नहीं करते न ? फिर टूटने के डर से नियम लेना क्यों रद्द कर

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Importance

It is not important who & how many are ahead of you, and how many are behind you. Importance is who & how many are

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मंगल आशीष

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November 30, 2014