Month: November 2014

रागद्वेष

रस्सी दो लड़ों को बेल कर बनती है । ये दो लडें हैं ,राग व द्वेष की । ऐसी रस्सी हमको संसार/दु:खों से बांधकर रखे

Read More »

धर्माचरण

धर्माचरण का उद्देश्य पाप काटना हुआ तो फल आधा मिलेगा, पाप त्यागने का उद्देश्य हुआ तो फल पूरा तथा तुरंत शुरू । मुनि श्री प्रमाणसागर

Read More »

Problem

Clouds come to life, no longer to carry rain or storm. But to add colours to my sunset sky. Rabindra Nath Tagore

Read More »

सिद्ध/निगोदिया

दोनों सिद्धालय में एक साथ रहते हैं पर सिद्ध स्थिर, निराकुल, अनंतसुखी, जबकि निगोदिया भटकते रहते हैं, आकुल, दु:खी । चिंतन

Read More »

संसार

संसार को अजायबघर मानो, अच्छे से अच्छी चीजें रखीं हैं – देखो और आगे बढ़ो । यदि लेने/मालिक बनने की कोशिश की तो Guard तुरंत

Read More »

Truth

There are many paths to the top of the mountain, but the view is always the same.

Read More »

ज्ञान

कोरा ज्ञान अच्छा नहीं माना जाता । क्यों ? कोरा कपड़ा नहीं पहना जाता, धुलकर ही पहनने लायक होता है । ज्ञान चारित्र/अनुभव से जब

Read More »

पद

लंका विजय के बाद श्री राम सबको दो पद (राजा/मंत्री) दे रहे थे । हनुमान ने भी दो पद माँगे, वे पद थे – श्री

Read More »

Anger

Raise your words, not voice. It is rain that grows flowers, not thunder. Jalaluddin Rumi

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives

November 12, 2014