Month: June 2015

Reaction

Remember ! You are a human, not a chemical. So think before you react. (Parul-Delhi)

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इच्छा

इच्छाओं को इच्छाशक्ति में परिवर्तित करना होगा । निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी

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Mistake

Mistake is not first step of success, but correction of mistake is first step. (Manju)

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व्यवस्था

व्यवस्थित लोगों के लिये किसी (बाह्य) व्यव्स्था की ज़रूरत नहीं होती । मुनि श्री पूज्यसागर जी

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मन

जो मनमाना करता है, वो मन माना जाता है। आचार्य श्री विद्यासागर जी

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Silence

There is so much noise in the world, that we have forgotten the beautiful sound of SILENCE. (Parul-Delhi)

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क्षयोपशम

वीरांतराय, ज्ञानावरण तथा चारित्र मोहनीय का क्षयोपशम साथ साथ, एक दूसरे के पूरक/सापेक्ष हैं – द्रव्य संग्रह मुनि श्री निर्वेगसागर जी

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दिखावा

पैसे वालों का आधा समय और आधा पैसा, यह सिध्द करने में चला जाता है कि वे पैसे वाले हैं।

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उपकार

एक व्यक्ति ने अपने दुश्मन की तीव्र आलोचना एक पत्रिका में बिना अपना नाम दिये छपवा दी। कुछ दिनों बाद आलोचक पर भारी आर्थिक संकट

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मंगल आशीष

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June 22, 2015