Month: August 2015
हिम्मत
August 13, 2015
नदी रुकावटों से रुकती नहीं,दिशा बदल लेती है ; समुद्र की दूरी पुछ्ती नहीं,बस चलती रहती है ; और मंज़िल तक पहुँच जाती है ।
नियम / विश्वास
August 12, 2015
‘घडी की सुई’ अपने नियम से चलती है , इसीलिये सब उसका ‘विश्वास’ करते हैं ! आप भी अपने नियम से चलिये, लोग आपका भी
Planning
August 11, 2015
We see our present & plan our future. God sees our future & plans our present. (Parul-Delhi)
स्वभाव
August 10, 2015
ज़िन्दगी में खुद को कभी किसी इंसान का आदी मत बनाना… क्यूंकि, इंसान बहुत खुदगर्ज़ है… जब आपको पसंद करता है , आपकी बुराई भूल
अनाहारक
August 10, 2015
गत्यानुपूर्वी की उदीरणा के समय अनाहारक, केवली स. घा. और १४ वा गुणस्थान ,अपवाद । आचार्य श्री विद्यासागर जी
हिम्मत
August 8, 2015
मंज़िलें चाहे कितनी भी ऊँची हों, रास्ते कदमों के नीचे ही होते हैं । (दिव्या-लंदन)
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