Month: August 2015

हिम्मत

नदी रुकावटों से रुकती नहीं,दिशा बदल लेती है ; समुद्र की दूरी पुछ्ती नहीं,बस चलती रहती है ; और मंज़िल तक पहुँच जाती है ।

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नियम / विश्वास

‘घडी की सुई’ अपने नियम से चलती है , इसीलिये सब उसका ‘विश्वास’ करते हैं ! आप भी अपने नियम से चलिये, लोग आपका भी

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Planning

We see our present & plan our future. God sees our future & plans our present. (Parul-Delhi)

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स्वभाव

ज़िन्दगी में खुद को कभी किसी इंसान का आदी मत बनाना… क्यूंकि, इंसान बहुत खुदगर्ज़ है… जब आपको पसंद करता है , आपकी बुराई भूल

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अनाहारक

गत्यानुपूर्वी की उदीरणा के समय अनाहारक, केवली स. घा. और १४ वा गुणस्थान ,अपवाद  । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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हिम्मत

मंज़िलें चाहे कितनी भी ऊँची हों, रास्ते कदमों के नीचे ही होते हैं । (दिव्या-लंदन)

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दृष्टि

द्रश्य महत्वपूर्ण नहीं, दृष्टि महत्वपूर्ण है । (धर्मेंद्र)

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मंगल आशीष

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August 14, 2015