Month: October 2015
कल्याण
दवा जेब में नहीं, परंतु शरीर में जाये तब फ़ायदा करती है, भगवान की वाणी कान में नहीं, दिल में उतरे तो कल्याण करती है
प्रवाह
नल (Plunger) जब अंदर की तरफ़ जाता है, पानी का प्रवाह बाहर जाना रुक जाता है । उपयोग जब आत्मा की ओर जाता है, बाहर
अनंत
काल पर्यायात्मक अनंत है, जीव द्रव्यात्मक । पं. श्री मूलचंद्र लुहाड़िया जी
I & U
How can You “SM_LE” without “I” ? How can You be “F_NE” without “I” ? How can You “W_SH” without “I” ? How can You
वक्त
समय का स्वभाव ही ज़ख्म देना है । तभी तो घड़ी में फूल नहीं, काँटे होते हैं ।
सम्पर्क
बात करने से ही बात बनती है…! बात न करने से तो बातें बनती हैं…!! (मंजू)
Anger
You will not be punished for your anger, but will be punished by your anger. (Rajani)
दिल / दिमाग
जरा संभल के रहना उन “इंसानों” से दोस्तों….! जिन के “दिल” में भी “दिमाग” होता है। (मंजू)
यथार्थ
जी रहे हैं कपड़े बदल बदल कर, एक कपड़े में जाना होगा,कन्धे बदल बदल कर । (नीलमा)
Love & Care
Give LOVE & CARE as a loan to everyone. Because… That’s the only thing which comes back with highest interest (Apurva Shri)
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