Day: November 20, 2015
एहसान
November 20, 2015
जरा तमीज़ से बटोरना, बुझे दियों को दोस्तों ! इन्होंने …दीवाली की अन्धेरी रात में हमें रोशनी दी थी……। किसी और को जलाकर खुश होना
जरा तमीज़ से बटोरना, बुझे दियों को दोस्तों ! इन्होंने …दीवाली की अन्धेरी रात में हमें रोशनी दी थी……। किसी और को जलाकर खुश होना
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