Month: January 2016
संसार के दु:ख
January 31, 2016
पं श्री जगमोहनलाल जी ने आचार्य श्री विद्यासागर जी से पूछा – आपको वैराग्य कैसे हुआ ? आचार्य श्री – आप लोगों के चेहरों को
धर्मध्यान
January 30, 2016
अपाय विचय “कारण” है, उपाय विचय “करण” है । धर्मध्यान के 4 भेदों में दोनों पर्यायवाची/एक भेद कहे गये हैं, 10 भेदों में अलग अलग
प्रभावना
January 28, 2016
दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश में अपनी आत्मा अप्रभावित हो जायेगी ।
अहंकार/विनय
January 27, 2016
गंगाजल याचना की अंजुली में ही आता है, अहंकार की मुठ्ठी तो खाली ही रहती है ।
भारतीय सभ्यता
January 26, 2016
इंग्लैंड में चाय पीते समय एक ब्रिटिश ने स्वामी विवेकानंद से कहा…… “सभी लोग कप से चाय पी रहे हैं और आप असभ्य की तरह
भक्त / भिखारी
January 26, 2016
भिखारी थोड़े पैसे माँगता है, पर वह भी नहीं मिलते । भक्त बिना माँगे ही, मालामाल हो जाता है ।
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