Month: February 2016

अनदेखा

जैसे भूतकाल को अनदेखा भूत कहते हैं, ऐसे ही भविष्य भी तो अनदेखा ही है !! दोनों को ही ज्यादा महत्व दिया तो भूत लग

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चमत्कार

ज्ञानी नमस्कार से चमत्कार पैदा करता है । पर यदि चमत्कार से चमत्कृत हो गया तो अज्ञानी ।

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विज्ञान और धर्म

विज्ञान साधन देता है, धर्म साधना और साध्य । साधन, साध्य प्राप्त करने में सहायक की अहम भूमिका निभाता है । चिंतन

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भक्ति

गुरु/भगवान के पास दर्शनार्थी नहीं, शरणार्थी बन कर जाऐं ।

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श्रेय

जीवन में अगर आपको आपके किये हुए कार्य का श्रेय ना मिले तो चिंता मत करना, क्योंकि आप उस दुनिया में रहते हैं.. जहाँ जलते

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अपने जैसा

किसी से अपने जैसे होने की उम्मीद मत रखिये, क्योंकि आप अपने सीधे हाथ में किसी का सीधा हाथ पकड़ कर कभी नहीं चल सकते

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क्षपक सम्यकचारित्र

क्षपक श्रेणी में 8 से 10 गुणस्थान में उपचार से क्षायिक सम्यकचारित्र ही मानना होगा क्योंकि उपशम, क्षयोपशमिक सम्यग्दर्शन तो हो नहीं सकते । 12

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काल्पनिक भय

व्यक्ति सोते से घबराकर उठा – “मेरे पेट पर से एक चूहा निकला” मित्र – पर इसमें घबराने की क्या बात है ? चूहा ही

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मन

सात्त्विक खुराक, तन को न मिलने से, तन सुस्त हो जाता है; मन को न मिलने से, मन भ्रष्ट हो जाता है ।

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मंगल आशीष

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