Month: February 2016
असाधारणता
असाधारण कहलाने की चेष्टा न करें, बल्कि साधारण रहकर असाधारणता को हासिल करें ।
बुरा लगना
किसी भी व्यक्ति की कोई बात बुरी लगे तो 2 तरह से सोचो… यदि व्यक्ति महत्वपूर्ण है तो बात भूल जाओ, और बात महत्वपूर्ण है
सत्य
सत्य की भूख तो सबको होती ही है. पर.. जब सत्य परोसा जाता है तो बहुत कम लोगो को उसका स्वाद पसंद आता है। यदि
सकाम निर्जरा
सविपाक को ही सकाम निर्जरा कहते हैं । पं.रतनलाल बैनाड़ा जी
मन और क्रियायें
मन बच्चा है, शरीर पिता । क्या पिता को बच्चे के कहने से गलत स्थानों पर जाना/कार्यों को करना चाहिये ?
जैन मूर्तियों की पहचान
गौतम बुद्ध की मूर्ति जैन मूर्तियों से काफी मिलती जुलती रहती हैं, पर मुख्य अंतर है – कपड़ों का ।
Shopping
Man in God’s shop Lord what do you sell? God whatever your heart desires. Man:-I want Peace, Happiness & freedom. God smiled:- sorry child-I sell
पाप/पुण्य
पाप(करना पड़े तो) ऐसे करें जैसे कड़वी दवाई खायी जाती है, पुण्य जैसे मिठाई खाते हैं । पाप का फल मिठाई की तरह खाकर समाप्त
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