Month: March 2016
कर्म की शक्ति
March 5, 2016
रेगिस्तान, जंगल चाहे कितने भी विस्तार कर लें, नदी चाहे कितनी ही उफन ले, समुद्र की सीमा पर थम ही जाते हैं ।
Conversation
March 4, 2016
The art of conversation is the art of hearing, as well as of being heard.
बहुमूल्य
March 3, 2016
घर में आग लग गयी । मित्र ने पूछा – क्या-क्या जल गया ? मेरे अलावा सब कुछ जल गया । मित्र – फिर नुकसान
नियंत्रण
March 2, 2016
पानी को कसकर पकड़ोगे तो वह हाथ से छूट जायेगा, उसे बहने दोगे तो वह अपना रास्ता स्वयं बना लेगा । परिस्थितियों को भी सामर्थ्य
कारण/कार्य तथा निमित्त/नैमित्तिक
March 2, 2016
कारण/कार्य व्यवस्था एक द्रव्य में, निमित्त/नैमित्तिक दो द्रव्यों के बीच में ।
Goal
March 1, 2016
Setting GOALS is the first step for turning the invisible into visible.
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