Month: May 2016
भरोसा / धोखा
भरोसा जितना कीमती होता है, धोखा उतना ही मँहगा पड़ता है । (मंजू)
भाव
मुक्त जीवों के दो भाव (क्षायिक, पारिणामिक) तथा संसारिओं के 3, 4, तथा 5 भाव होते हैं ।
अपना
कोयल अपनी भाषा बोलती है इसलिये आज़ाद रहती है । किंतु तोता दूसरे कि भाषा बोलता है इसलिए पिंजरे में जीवन भर गुलाम रहता है। अपनी
मोह
हम मोह में दरख़्तों की तरह हैं… जहाँ लग जायें वहीं मुद्दतों खड़े रहते हैं… (अरविंद) बिना ये परवाह किये कि वहाँ हमारे हिस्से का
Stress
Stress is the Gap between our Expectations & Reality. More Gap, More the Stress. So Expect less & Accept more. Result… Less gap, Less Stress.
कुरीतियाँ
जो ताला चाबी को एक ओर घुमाने से बन्द होता है, वही दूसरी और घुमाने से खुल भी जाता है। हम अपने विचार, वाणी और
Cost of Living
What some people mistake for the high cost of living, is really the cost of living high. (Suresh)
अज्ञान
पतंग को मालूम तो है कि उसका जीवन छोटा सा है, कब समाप्त हो जायेगा यह भी ज्ञात नहीं ! अंत कचरे के ड़िब्बे में ही
स्थिति
उत्कृष्ट संज्ञी के ही । जैसे मोहनीय ,संज्ञी के 70 कोड़ा कोड़ी सागर पर एक इंद्रिय के एक सागर से अधिक नहीं । पाठशाला
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