Month: May 2016

गुरु का महत्त्व

स्याही की भी मंज़िल का अंदाज़ देखिये…. खुद-ब-खुद बिखरती है, तो दाग़ बनाती है । जब कोई बिखेरता है, तो अलफ़ाज़…बनाती है ! (अरुणा)

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अच्छा

अच्छे व्यत्ति की तलाश छोड़, खुद को अच्छा बनायें; ताकि बहुत से व्यत्तियों की तलाश पूरी हो जाये ।

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समता

जिसकी नहीं बनी घर में, वो क्या करेगा वन में ! (अरुणा)

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मुसीबतें

तूफानों में पेड़ों की जड़ें गहरी और मज़बूत हो जाती  हैं ।

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जीवन

इतना आसान नहीं , जीवन का किरदार निभा पाना । इंसान को बिखरना पड़ता है , रिश्तों को समेटने के लिए ।

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मन

जितना बड़ा “प्लोट” होता है उतना बड़ा “बंगला” नहीं होता, जितना बड़ा “बंगला” होता है उतना बड़ा “दरवाजा” नहीं होता, जितना बड़ा “दरवाजा” होता है

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स्थिति बंध

प्रकृतियों का जघन्य स्थिति बंध, उनकी व्युच्छुत्ति के समय होता है । करूणानुयोग दीपक – 60

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आज़माना

हम भगवान को रोज आज़माते हैं, पर भगवान हमको कभी नहीं आज़माता कि हममें इंसानियत है या नहीं । (मंजू)

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मंगल आशीष

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May 23, 2016