Month: May 2016
गुरु का महत्त्व
May 22, 2016
स्याही की भी मंज़िल का अंदाज़ देखिये…. खुद-ब-खुद बिखरती है, तो दाग़ बनाती है । जब कोई बिखेरता है, तो अलफ़ाज़…बनाती है ! (अरुणा)
अच्छा
May 21, 2016
अच्छे व्यत्ति की तलाश छोड़, खुद को अच्छा बनायें; ताकि बहुत से व्यत्तियों की तलाश पूरी हो जाये ।
जीवन
May 18, 2016
इतना आसान नहीं , जीवन का किरदार निभा पाना । इंसान को बिखरना पड़ता है , रिश्तों को समेटने के लिए ।
मन
May 17, 2016
जितना बड़ा “प्लोट” होता है उतना बड़ा “बंगला” नहीं होता, जितना बड़ा “बंगला” होता है उतना बड़ा “दरवाजा” नहीं होता, जितना बड़ा “दरवाजा” होता है
स्थिति बंध
May 16, 2016
प्रकृतियों का जघन्य स्थिति बंध, उनकी व्युच्छुत्ति के समय होता है । करूणानुयोग दीपक – 60
आज़माना
May 15, 2016
हम भगवान को रोज आज़माते हैं, पर भगवान हमको कभी नहीं आज़माता कि हममें इंसानियत है या नहीं । (मंजू)
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