Month: May 2016

एकता

एक बार अंगूर ????????????खरीदने के लिए एक फल बेचने वाले के पास रुका.. पूछा: क्या भाव है गुच्छों???????????????????????????? का ? बोला : 80 रूपये किलो

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श्रेष्ठता

आदमी साधनों से नहीं, साधना से, भवनों से नहीं, भावना से, उच्चारण से नहीं, उच्च-आचरण से श्रेष्ठ बनता है । (अरुणा)

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हौसला

हार जाओ, पर हारे मत रह जाना । रास्ता रुक जाये, पर रुके मत रह जाना ; (Diversion ले लेना, पर पीछे मत भागना) जीत

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लोभ

लोभ को अभी जीतने का प्रयास करें- क्योंकि “मानव जब बूढ़ो भयो, तृष्णा भई जवान” (धर्मेंद्र)

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ज़िंदगी

ज़िंदगी जब भी लगा कि तुझे पढ़ लिया । तूने अपना एक पन्ना और खोल दिया । (मंजू)

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प्राण

संज्ञी के दस प्राण, पर्याप्तक की अपेक्षा कहा है । अपर्याप्तक अवस्था में तो सात प्राण (मन बल, वचन बल तथा श्वासोच्छवास बिना) ही होते

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मरण

जो सिर्फ़ अपने लिये जीता है उसका मरण होता है, और जो औरों के लिये जीता है उसका स्मरण । (डा.अमित)

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गलती

एक चीज़ जो हम अपनी मानने को तैयार नहीं होते… “गलती” (अरुणा) और यदि गलती से गलती मान ली, तो फिर वह गलती नहीं रह

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मंगल आशीष

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May 14, 2016