Month: May 2016
ज्ञान / प्रेम
May 5, 2016
ज्ञान से चलने वाले को शून्य होना पड़ता है, और प्रेम से चलने वाले को पूर्ण। लेकिन शून्यता और पूर्णता एक ही घटना के दो
Inspiration
May 4, 2016
The ultimate inspiration is the *DEADLINE. *परमार्थ में इसे मृत्यु कहते हैं । ज़िंदगी राह पर नहीं आती, जब तक मौत नज़र नहीं आती ।
ईश्वर का अस्तित्व
May 3, 2016
कौन कहता है कि ईश्वर नज़र नहीं आता । एक वही तो नज़र आता है …. जब कुछ नज़र नहीं आता ।
जल बचाओ
May 2, 2016
बंद मंदिर को भी देखकर हाथ जोड़ने को उठ जाते हैं, तो खुला नल देखकर बंद करने को क्यों नहीं ! (अरुणा)
छठा काल
May 2, 2016
इसमें सम्यग्दर्शन नहीं होता है । कारण ? यहाँ अवधिज्ञान नहीं, सो पश्चाताप नहीं । जातिस्मरण नहीं, सो निमित्त नहीं । बाई जी
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