Day: August 31, 2016

सुख / दु:ख

पराश्रित सुख से उत्तम स्वाश्रित दुःख है, तभी तो साधु विषय-सुखों का त्याग करके तप के दुःख को अंगीकार करके सुखी रहते हैं। क्षु.श्री ध्यान

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मंगल आशीष

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August 31, 2016