Day: September 30, 2016
आस्रव/संक्लेश
September 30, 2016
स्व और पर के निमित्त होने वाले सुख या दु:ख यदि विशुद्ध पूर्वक हैं तो पुण्यास्रव होगा, यदि संक्लेश पूर्वक हैं तो पापास्रव होगा ।
स्व और पर के निमित्त होने वाले सुख या दु:ख यदि विशुद्ध पूर्वक हैं तो पुण्यास्रव होगा, यदि संक्लेश पूर्वक हैं तो पापास्रव होगा ।
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