Month: April 2017
शरीर
शरीर स्वयं(अपनी आत्मा) का सोचा नहीं करता है, क्योंकि आत्मा, शरीर के लिए परद्रव्य है । (मंजु)
Attitude
Success with a Negative Attitude is called…….. “Luck”. But Success with Positive Attitude is called…….. “Achievement”. Always be an ACHIEVER. (Ravi Kant)
आनंद / सुख
आनंद शब्द “नंद” धातु से बना है, नंद का अर्थ है संतोष । जब संतोष आ जाए तो आनंद होगा ही । इसका उल्टा कुछ
महावीर जयंती
महापुरुषों की नज़र में भगवान महावीर…… 1) भगवान महावीर अहिंसा के अवतार थे, उनकी पवित्रता ने संसार को जीत लिया था, अहिंसा तत्त्व को यदि
जीवत्व
पारिणामिक भाव है । यहाँ जीवत्व को ज्ञान चेतना माना, अत: सिद्धों में 9 क्षायिक + 1 जीवत्व = 10 भाव माने हैं । पर
कथा
जो जीवन की व्यथा को कम करे, वही कथा सार्थक है । (बाक़ी सब तो विकथाएं हैं, समय/शक्ति की बरबादी है )
परोपकार
एक दोस्त अपने दोस्त के शव को देख कर मुस्कराया ! तो एक बुज़ुर्ग ने कहा “बेटा ! जवान मौत पर मुस्कराते नहीं” ! लड़के
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