Month: April 2017
मच्छर को सज़ा
April 4, 2017
वह तो एक, दो बूंद ले रहा है, आप उसकी जान क्यों लेना चाहते हो ? वह अज्ञानी है, तुम ज्ञानी/दयावान ।
प्रारब्ध / निमित्त
April 3, 2017
लता तो प्रारब्धानुसार बनती है; पर वह सबल पेड़ को निमित्त लेकर उर्ध्वगमन, तथा कुएँ का सहारा लेकर अधोगमन करती है ।
परछाई
April 2, 2017
आज परछाई से पूछ ही लिया क्यों चलती हो मेरे साथ ? उसने भी हँसके कहा… “और दूसरा है ही कौन तेरे साथ” ।
उत्तम क्षमा
April 1, 2017
क्षमा हमारा स्वभाव है । क्षमा शब्द “क्षम” धातु से बना है, जिसका अर्थ है “सामर्थ्य” । जो जितना सामर्थ्यवान होगा, उसे उतना ही क्षमावान
अप्रैल फूल
April 1, 2017
हम पर 1 जनवरी का नववर्ष थोपा गया, उस समय लोग विक्रमी संवत के अनुसार 1 अप्रैल से अपना नया साल मनाते थे, आज भी
पुदगल के गुण
April 1, 2017
चार गुणों में “वर्ण” क्यों कहा, आकार क्यों नहीं ? आकार तो सब द्रव्यों में कहा जा सकता है, पर वर्ण पुदगल में ही होता
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