Day: May 18, 2017

आद्रता

समय फिसलता नहीं, रेत की तरह मुट्ठी से फिसलते तो हम हैं, समय की मुट्ठी से, सिर्फ़ नम बने रहकर ही टिक सकते हैं हम

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मंगल आशीष

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May 18, 2017