Month: May 2017

उपशम भाव

चौथे गुणस्थान में उपशम सम्यग्दर्शन होने पर सम्यक्त्व के क्षेत्र में औपशमिक भाव होते हैं, पर आठवें गुणस्थान से औपशमिक चारित्र आने पर औपशमिक भाव

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इनसान

सब कहते हैं कि इनसान में ख़ुदा होता है ! किससे पूछूँ कि ये इनसान कहाँ होता है !! (मंजु)

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Life

Life is from “B” to “D”, Birth to Death. But what is between is “C” and “C” is the Choice. Our life is a matter

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मुखौटे

चेहरा देख कर इनसान पहचानने की कला थी मुझमें ….., लेकिन तकलीफ़ तो तब हुई जब इनसानों के पास चेहरे बहुत निकले । (शशि)

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मैं

यूँ ही एक छोटी सी बात पे, ताल्लुकात पुराने बिगड़ गए, मुद्दा ये था कि सही “क्या” है ? और वो सही “कौन” में उलझ

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आद्रता

समय फिसलता नहीं, रेत की तरह मुट्ठी से फिसलते तो हम हैं, समय की मुट्ठी से, सिर्फ़ नम बने रहकर ही टिक सकते हैं हम

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धन

क्या चीज़ बनायी है ! “धन” लगभग सभी, अपने “निधन” तक, इकट्ठा करने में लगे रहते हैं । (नीलम)

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ज्ञान

मति, श्रुत ज्ञान – रूपी हैं, पर विषय रूपी अरूपी, अवधि, मन:पर्यय – अरूपी हैं, पर विषय रूपी ही, केवलज्ञान – अरूपी है, पर विषय

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माँ

मृत्यु के लिए बहुत रास्ते हैं ​पर…. जन्म लेने के लिए ​केवल माँ माँ के लिए क्या लिखूँ ? माँ ने ख़ुद मुझे लिखा है

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मंगल आशीष

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May 23, 2017