Month: July 2017
देवदर्शन
दुखी हो तो भगवान के दर्शन से आनंदित हो जाओ, वरना तुम्हारा दु:ख भगवान से बड़ा हो जाएगा और तुम दुखी ही बने रहोगे ।
पापी का कर्मफल
वर्तमान का पापी यदि वैभव संपन्न है तो पूर्व के पुण्य से, पर वर्तमान के पाप उसे आकुलता, बदनामी तथा भविष्य की दुर्गति का कारण
पुण्य/पाप
पुण्य हो तो तिनके का सहारा भी तार देता है , पापोदय में जहाज़ भी डुबा देता है ।
मनुष्य में परघात
अंग भी परघात है । जैसे हाथ/पैरों की रचना । पं. रतनलाल बैनाड़ा जी
पहचान
संबंधों से अपनी पहचान मत बनाना, वरना संबंध समाप्त होते ही आप ज़ीरो बन जाओगे । क्षु.श्री ध्यानसागर जी
ज्ञानी / अज्ञानी
अज्ञानी व्यक्ति ग़लती छिपाकर बड़ा बनना चाहता है, औऱ ज्ञानी व्यक्ति ग़लती मिटाकर बड़ा बनना चाहता है । (सुरेश)
याददाश्त
हमें धर्म की बातें याद क्यों नहीं रहतीं ? याद वही बातें रहती हैं… जिनके प्रति आकर्षण और रूचि होती है या जिनको कर्तव्य की
सानिध्य
प्रत्यक्ष संपर्क ही ज़रूरी नहीं है, वरना भगवान और भक्त के बीच, संबंधों का महत्त्व ही समाप्त हो जाएगा । रामायण
ग़रीबी
किसी ने क्या ख़ूब कहा है… ऐ मौत ! जरा पहले आना, ग़रीब के घर; कफ़न का खर्च, दवाओं में न निकल जाए…! (डा.अमित राजा)
धर्म कैसे करें ?
शुरू के Overs में अच्छे रन Score कर लें, तो अंत के Overs में Pressure नहीं आएगा ।
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