Month: August 2017
क़ीमत
August 5, 2017
जो निशुल्क है, वही सबसे ज़्यादा क़ीमती है.. “नींद, शान्ति, आनंद, हवा, पानी, प्रकाश और सबसे ज़्यादा, हमारी साँसें” । (आर.के.गुप्ता)
चालबाज़ी
August 4, 2017
शतरंज का एक नियम बहुत ही उमदा है – चाल कोई भी चलो पर अपने वालों को नहीं मार सकते….. काश ये नियम इनसानों में
कमियाँ
August 3, 2017
कभी फ़ुरसत में अपनी कमियों पर ग़ौर करना, दूसरों के आईने बनने की ख्व़ाहिश मिट जायेगी । (सुरेश)
आहारक शरीर/सूक्ष्म नामकर्म
August 2, 2017
आहारक शरीर के उदय काल में सूक्ष्म नामकर्म का भी उदय रहता है । पं. रतनलाल बैनाड़ा जी
Ear
August 1, 2017
When the two ears are put side by side it forms the shape of the heart. lnterestingly, the word ‘ear’ sits right in the middle
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