Month: September 2017

रावण

1) रावण बनना भी कहाँ आसान ! रावण में अहंकार था तो पश्चाताप भी था, रावण में वासना थी तो संयम भी था, रावण में

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संक्रमण/विसंयोजना

संक्रमण किसी भी गुणस्थान में, विसंयोजना 4 से 7वें गुणस्थान में । संक्रमण Reverse Back नहीं, विसंयोजना में गुणस्थान गिरने पर Reverse Back होता है

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गुरु

गुरु ने मुझे क्या ना दिया ! हाथ में “दीया” दे दिया !! आचार्य श्री विद्यासागर जी

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साधन / साध्य

देव, गुरू, शास्त्र को साधन ही नहीं, साध्य बनाएँ । मुनि श्री सुधासागर जी

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दु:ख / कष्ट

दुःख जिसे मन स्वीकार ना करे, कष्ट जिसे मन स्वीकार कर ले ।

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टोकना

कुत्ता नये लोगों पर ही भौंकता है । हम पुरानी बातों पर भी । चिंतन

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बुराई

बुराई छोड़ी नहीं जाती, उनके प्रति तो जगा जाता है । छोड़ी तो बुरी प्रवृतियाँ जाती हैं ।

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आजादी

व्यवस्थागत आजादी तो मिल गयी है पर अवस्थागत नहीं (संस्कारों से आजाद नहीं) ।

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वहम

अहम् ने एक वहम पाल रखा है, सारा कारवां… मैंने ही सँभाल रखा है ! (धर्मेंद्र)

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शुद्धानुभव

अशुद्धता में रहकर शुद्धत्व का ध्यान/प्राप्ति की भावना भायी जा सकती है, उसका अनुभव नहीं किया जा सकता ।

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मंगल आशीष

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September 30, 2017

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