Month: December 2017

झूठ

झूठ से सब नफ़रत करते हैं, फिर झूठ बोलता कौन है ? नफ़रत करते हैं, यही झूठ है ।

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व्यंजन/अर्थ

पर्याय के संधर्व में व्यंजन शब्द स्थूल के लिये उपयोग होता है । पर तत्वार्थ सूत्र – 1/18 में अवग्रह के साथ व्यंजन माने अस्पष्ट

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भक्त

असली भक्त वह नहीं जो सिर्फ भक्ति करे, बल्कि वो जो भय/प्रलोभन में भक्ति न छोड़े ।

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आनंद

प्रत्यक्ष (वर्तमान) में यदि आनंद है, तो परोक्ष (भविष्य) में भी आनंद रहेगा ।

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शुभारंभ

जिस दिन की पहली चौघड़िया शुभ होती है वैसी ही आखिरी चौघड़िया होती है । दिन की शुरूवात भगवान दर्शन से करो पूरा दिन/अंत तक

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धर्म और धर्मात्मा

धर्म कमज़ोर नहीं कि धर्मात्मा का सहारा ले । पर धर्म के संस्कारों को फैलाने के लिये धर्मात्माओं को माध्यम बनाते हैं ।

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मातृभाषा

सपने मातृभाषा में ही दिखते हैं । जिस भाषा में सपने देखें, उसी भाषा में सपने पूर्ण करना आसान होता है ।

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सकारात्मकता

नकारात्मकता को सकारात्मकता में परिवर्तित करने के लिये.. अस्पताल में दवा, गुरु के पास दुआ ।

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पारिणामिक भाव

इनको परम-भाव भी कहते हैं, क्योंकि ये अन्य द्रव्यों से प्रभावित नहीं होते हैं । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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मंगल आशीष

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December 31, 2017