Month: November 2018
सम्यग्दृष्टि / भोग / निर्जरा
सराग-सम्यग्दृष्टि के भोगों में निर्जरा, हवा का स्पर्श आदि जैसे भोगों में ही मानें । वीतराग सम्यग्दृष्टि के लिये समयसार में Unconditional भोगों से निर्जरा
अहिंसा
गाँधी जी की लाठी मारने के लिये नहीं थी, बल्कि मार खाने पर उठने के लिये थी ।
सूतक
ड़ाक्टर/जज को मरण (रोगी/कैदी) पर सुबह नहाने तक का सूतक, यदि अंतेष्ठी में जायेंगे तो अगले दिन सुबह तक का । मुनि श्री सुधा सागर
अभिमान
हैसियत का कभी अभिमान न करना, उड़ान ज़मीं से शुरू और ज़मीं पै ही खत्म होती है । (सुरेश)
कार पूजा
चक्रवर्ती भरत ने चक्र की पूजा की, ऐसे ही कार पूजा भी कर सकते हैं – मंदिर में अभिषेक पूजन करके कार पर अक्षत डालें,
ख्व़ाहिशें
ख्व़ाहिशों का राजपथ बहुत बड़ा और भीड़-भाड़ वाला होता है, बेहतर यही है की हम, ज़रूरतों की छोटी-छोटी गलीयों में मुड़ जाएँ ! 🌹🌹 नीलम
ऋद्धि
ऋद्धिधारी मुनियों में श्राप देने की शक्ति भी आ जाती है, पर 6 गुणस्थानवर्ती में दयाभाव इतना हो जाता है कि वे श्राप दे ही
दान
यदि आप के चंद मीठे बोलों से किसी का रक्त बढ़ता है तो यह भी रक्त-दान है, यदि आप के द्वारा किसी की पीठ थपथपाने
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