Day: November 24, 2018

श्रमण / श्रावक

श्रावकों के 8 मूलगुण काल के साथ परिवर्तित होते रहे हैं, पर श्रमण के 28 मूलगुण चौथे काल से पंचमकाल के अंत तक Same हैं

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क्रोध

क्रोध आपका ऐसा हुनर है… जिसमें फंसते भी आप हैं, उलझते भी आप हैं, पछताते भी आप हैं और पिछड़ते भी आप हैं। (शैलेन्द्र)

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मंगल आशीष

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November 24, 2018

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