Day: November 30, 2018

सम्यग्दृष्टि / भोग / निर्जरा

सराग-सम्यग्दृष्टि के भोगों में निर्जरा, हवा का स्पर्श आदि जैसे भोगों में ही मानें । वीतराग सम्यग्दृष्टि के लिये समयसार में Unconditional भोगों से निर्जरा

Read More »

अहिंसा

गाँधी जी की लाठी मारने के लिये नहीं थी, बल्कि मार खाने पर उठने के लिये थी ।

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives

November 30, 2018

November 2018
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
2627282930