Month: February 2019
शुद्धोपयोग
शुद्धोपयोग के गुणस्थानों के बारे में 4 मत हैं – 1) 7 से 2) 8 से 3) 11 में 4) 12 में । मुनि श्री
भोग और पुण्य
क्या 2 रोटी खाने वाले से 10 रोटी खाने वाले का पुण्य ज्यादा होता है ? नहीं, यदि 2 रोटी खाने वाला, 10 रोटी वाले
धर्म व्युच्छुत्ति
आदिनाथ से लेकर चंद्रप्रभु तक धर्म निरंतर चला, बाद में शांतिनाथ तक धर्म व्युच्छुत्त रहा, उसके बाद महावीर भगवान तक निरंतरता रही । (उषा जी)
सकाम निर्जरा
माली डलिया में बहुत सारे कच्चे आम भरता जा रहा है, पर पक रहे हैं – एक दिन में 1 या 2, माली का भला
बचपन
बचपन कैसे संजोकर रखें ? सहज, सरल और निर्मल बन कर । कैसे बनें ? सहज – स्वीकृति से, अकृतिमताओं को कम करके – सरल,
अकाल-मरण
अकाल-मरण यदि धर्म/देश/सतित्व की रक्षा के लिये हो, प्रमाद/कषाय रहित हो तो सद्गति भी देता है । मुनि श्री सुधासागर जी
रागद्वेष और कषाय
रागद्वेष और कषाय एक ही हैं, रागद्वेष चरणानुयोग में, कषाय करणानुयोग में । मुनि श्री सुधासागर जी
धर्मध्यान
धर्मध्यान अग्रिम ज़मानत है, इसीलिये घर से बाहर जाने से पहले देवदर्शन करके जाते हैं, पापोदय होने पर विधानादि करते हैं । चिंतन
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