Month: February 2019

भाग्य / पुरुषार्थ

धर्मध्यान पुण्योदय से नहीं, पुरुषार्थ से, दानांतराय/वीरांतराय के क्षयोपशम से होता है ।

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बेफ़िक्री

तुम लिख कर लाना, *हर फ़िक्र* एक कोरे कागज पर… फिर हम सिखाऐंगे तुम्हें, कि कैसे *जहाज* बनाकर उनको उड़ाया जाता है । (डॉ एस.एम.जैन)

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गर्भ/जन्म-संस्कार

पता नहीं वह जीव कहाँ से आया है ! पंचमकाल में ज्यादातर अधोगति से आते हैं, इसलिये उनको उच्च कुल के संस्कार देना जरूरी है

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कर्म-फल

ज़मीन और मुक़द्दर की एक ही फितरत है, जो भी बोया है वो निकलना तय है । 🙏🏻 सुरेश 🙏🏻

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ऐलक / अभिषेक

ऐलक सोला की लंगोटी पहनकर भी अभिषेक नहीं कर सकते क्योंकि वे नहाते नहीं हैं । मुनि श्री सुधासागर जी

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गुरु / शिष्य

शिष्य के ऊपर कालिख लग जाये तो चलेगा, पर कालिख लगा गुरु नहीं चलेगा, वरना शिष्य अपनी कालिख किस दर्पण में देखेगा ! ना ही

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कर्म और पराधीनता

हम कर्म के आधीन हैं (प्राय:/साधारणजन), पर कर्म भी पराधीन हैं – द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव के । (जैसे दलदल के पेड़ अपने बीजों

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अहम्

अहम्… जिनमें कम होता है, अहमियत… उनकी ज्यादा होती है । 🌹 (मंजू)

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मंगल आशीष

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February 8, 2019

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