Month: April 2019
अपकर्षण
अपकर्षण में …. पाप प्रकृतियों की स्थिति अनुभाग दोनों कम होते हैं, पुण्य की स्थिति तो कम होती है पर अनुभाग बढ़ जाता है ।
अदव
सलीक़ा अदव का… बरक़रार रखिए…! रंजिशें अपनी जगह, सलाम अपनी ज़गह….!! (सुरेश)
गुरु / भगवान
गुरु/भगवान पर इतना विश्वास नहीं जितना गुरु/भगवान के महासत्यव्रत पर । मुनि श्री सुधासागर जी
Endeavour
If few can do it then you can do it, If no one can do it then you must do it.
सच्चे राजा का कर्तव्य
सम्यग्दृष्टी राजा अपना मत तो सच्चे देव, शास्त्र, गुरु को देता है पर आश्रय अनायतन को भी । मुनि श्री सुधासागर जी
नर्म / सख़्त
मैंने सीमेंट से सीखा है… कि जोड़ने के लिए नर्म होना ज़रूरी है और जोड़े रखने के लिए सख़्त…! 🙏🏻 सुरेश 🙏🏻
कर्म और वैराग्य
आदिनाथ भगवान 83 लाख पूर्व, भोगों के लिये नहीं रुके; बल्कि संसार को कर्म सिखाने/उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिये रुके थे । मुनि
पुण्य क्रिया
पुण्य बढ़ाने के लिये की जाने वाली पुण्य क्रिया से मिथ्यात्व नहीं बढ़ता बल्कि पुण्य का फल पाने की इच्छा से की गयी पुण्य क्रिया
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