Day: April 21, 2019
नाम / स्वरूप
April 21, 2019
“बुद्ध, वीर, जिन, हरिहर …… चित्त उसी में लीन रहो”, इसमें विनय-मिथ्यात्व का दोष नहीं लगेगा ? नहीं, क्योंकि नाम कुछ भी हो, ध्यान वीतरागी
बात मानना/करना
April 21, 2019
जब सब अपनी अपनी ही मानते और करते रहते हैं फिर भी खुश क्यों नहीं रहते ? इसीलिये क्योंकि वे अपने मन की ही करना चाहते
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