Month: April 2019

प्रतिनारायण

ये जीव पहले सम्यग्दृष्टि होते हैं पर निदान करते ही मिथ्यादृष्टि हो जाते हैं । पं. रतनलाल बैनाड़ा जी

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पुरुषार्थ / भाग्य

कहते हैं – उतने पैर पसारिये, जितनी चादर होय, वरना मच्छर काटेंगे । तो क्या भाग्य के भरोसे पैर सिकोड़कर ही पड़े रहें ? नहीं,

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अकृत्रिम में परिणमन

अकृत्रिम कृतियों के परिणमन में समान पुदगल वर्गणाओं का आना जाना बराबर होता है, इसीलिये वे अनश्वर होते हैं । मुनि श्री सुधासागर जी

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123 जीव विदेह

पंचम-काल के 21000 वर्षों में 123 जीव विदेह-क्षेत्र जाकर मोक्ष जाने वाले हैं, पहले 3000 वर्ष में 60, अगले 3,3 हजार वर्षों में 32, 16,

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Efforts

Be like a camel, always competing for scarce* resources in a harsh climate. * Barely / दुर्लभ / अपर्याप्त (आज के कठिन समय में, हमारे

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धर्म / चारित्र

चारित्र = कर्म बंध की क्रियाओं को छोड़ना (श्रावकों को अशुभ, श्रवणों को शुभ भी ), धर्म = जो जीव को इष्ट स्थान में धरता

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निंदा

2 प्रकार की – अधिकृत – गुरु, माता/पिता द्वारा – वांछ्नीय अनाधिकृत – जिन पर अधिकार नहीं है, उनकी जैसे पड़ौसी की – अवांछनीय मुनि

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निद्रा

एक से तीन इंद्रिय वालों की निद्रा पकड़ में नहीं आती है । जैसे जैसे इंद्रियाँ बढ़ती जाती हैं, शारीरिक/मानसिक थकान/निद्रा भी बढ़ती जाती है,

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April-Fool

May I request you that instead of making _”April Fool”_ on 1st April, plant at least one tree and make _”April Cool”_! This small campaign

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मंगल आशीष

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April 5, 2019