Month: May 2019
आत्मानुभूति
शुद्ध आत्मानुभूति किसको? छाछ पीने वाले को दूध की ड़कार नहीं आती । आचार्य श्री विद्यासागर जी
भेद-विज्ञान
व्यवहार तथा निश्चय नय से जब हम पर-पदार्थ को जानेंगे तो एक भेद रेखा खिंच जायेगी, इसी का नाम “भेद-विज्ञान” है । मुनि श्री प्रणम्यसागर
हाय
100 रुपये के चने बेचने वाला 100 रुपये कमाता है, याने 100% profit, 1 करोड़ के बिज़नस वाले का profit ?
तप
अंतरंग में मानसिक तप की मुख्यता, निर्जरा अवश्य, किंतु बाह्य के साथ निर्जरा नियमानक नहीं । मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
घर पर मूर्ति ले जाना
पूजा/विधान आदि के लिये घर पर मूर्ति ले जाना तो दूर, यंत्र भी नहीं ले जाना चाहिये । मुनि श्री सुधासागर जी
जल
दादाजी ने नदी में देखा, पिता ने कुंए में , हमने नल में, हमारे बच्चों ने बोतल में, उनके बच्चे तो चित्रों में देखेंगे, यदि
गुरु
यदि कोई सैनिक राजा में दोष बताये, तो क्या सैनिक को राजा बना देंगे ! यदि श्रावक सच्चे गुरु में दोष बताये, तो क्या उसे
संगति का असर
मिट्टी पानी के बहाव के साथ बह जाती है, पर आग से तपा(आग की संगति में रहा) घड़ा नहीं, उसी पानी को बांध कर रखता
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