Day: August 22, 2019

वीतरागी की निर्जरा

संवर सहित – 1. सविपाक निर्जरा 2. अविपाक निर्जरा बिना फल दिये झड़ना, नपुंसक की तरह बिना संतति (कर्मों की) ज्ञानशाला

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भक्त

जो संसार से विभक्त होकर, भगवान/गुरु के चरणों में समर्पण कर दे ।

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मंगल आशीष

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August 22, 2019