Month: November 2019
वेग
वेग* में अपढ़ और पढ़े, सब एक से । आचार्य श्री विद्यासागर जी (*वेग = संवेग/उद्वेग/आवेग/निर्वेग**) (**संवेग = संसार से भय/ धर्म में उत्साह) (**उद्वेग
रिश्ते
क्या रिश्ते स्वार्थ पर आधारित होते हैं ? रिश्ते स्वार्थ से नहीं बनते, स्वार्थ से तो टूटते हैं । जो स्वार्थ पर आधारित होते हैं,
आत्मा का स्वरूप
इंद्रियातीत, अमूर्तिक आत्मा ही नहीं, आत्मा के गुण भी होते हैं । मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
विश्वास
💎💎💎💎💎💎💎💎💎💎💎💎 जहां विश्वास है वहां सबूत की ज़रूरत नहीं होती… आखिर गीता पर भी कहाँ श्रीकृष्ण के दस्तखत हैं ! (अनुपम चौधरी)
जल की प्रासुकता
पूरा उबला हुआ जल 24 घंटे के लिये प्रासुक हो जाता है, पर उसे दुबारा नहीं उबाला जाना चाहिये । कम उबले जल को 6/12
Smile
Give a smile that goes a mile. Smile is a curve that can straighten lot of things. Keep smile, be humble.
105 / 108
आर्यिका/मुनि के आगे “105/108” लगाने का विवरण आगम में नहीं है । यह आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज के समय से शुरू हुआ है ।
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