Month: January 2020

निश्चय प्रतिक्रमणादि

क्या निश्चय प्रतिक्रमण, प्रत्याख्यान, आलोचना में अंतर होता है ? नहीं, इन तीनों में सिर्फ़ नाम की अपेक्षा ही अंतर है । श्री समयसार जी

Read More »

Effort

Your chances to win a lottery get a lot better , if you buy a ticket. (बिना efforts के स्वतंत्रता भी maintain नहीं रक्खी जा

Read More »

शलाका महापुरुष

शलाका महापुरुष समाज का भी कल्याण करते हैं । (शलाका का शाब्दिक अर्थ भी “लेखनी” होता है, यानि समाज पर उनका प्रभाव दिखता है) महापुरुष

Read More »

मंदिर में शिक्षा

स्कूल में पढ़ाई, बाहर/आगे जाकर कमाई करने के लिये होती है । मंदिर में शिक्षा भी मंदिर के बाहर उपयोग के लिये । मुनि श्री

Read More »

दया/करुणा

दया तो आत्मा का स्वभाव है । करुणा चारित्र मोहनीय का विषय, इसमें कर्तत्व-भाव आ जाता है । मुनि श्री सुधासागर जी

Read More »

नियम

ना मामा से, काना मामा बेहतर । नियम ना लेने से बेहतर है छोटा/छूट के साथ नियम लेना । मुनि श्री सुधा सागर जी

Read More »

निर्विकल्प समाधि और केवलज्ञान

निर्विकल्प समाधि में ज्ञान – तात्कालिक, क्षयोपशमिक, एकांकी (जब आत्मा का ज्ञान, तब बाहर का नहीं) । केवलज्ञान – शाश्वत, क्षायिक, अनेकांकी होता है ।

Read More »

मूर्तियों की प्रतिष्ठा

यदि मूर्ति पैरों में गिर जाये तो उसकी प्रतिष्ठा समाप्त हो जाती है, उसे दुबारा प्रतिष्ठित कराना चाहिये । मूर्तियों का अतिशय/Energy कम ज्यादा भी

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

January 26, 2020