Month: February 2020
प्रार्थना
“कोई जीव भूखा ना रहे” ऐसी प्रार्थना में Non-Veg की अनुमोदना नहीं हुई ? Non-Veg वाले भूखे नहीं रहें – इसमें तो अहिंसा की अनुमोदना
मिठास
मिठास मिश्री जैसी हो – आंतरिक, इसलिये वह श्वेत, पारदर्शी होती है, जलेबी जैसी बाह्य नहीं, जिस वजह से वह अपने ही लपेटों में उलझी
जैन धर्म के नाम
1. निर्ग्रन्थ-धर्म : ग्रंथी रहित यानि दिगम्बर मुनियों का धर्म । सम्राट अशोक के शिलालेखों में वर्णन आता है । 2. अर्हत्-धर्म : अरिहंत भगवान
Critics
When People say they can’t see anything good in you.. HUG them.. Because LIFE is very difficult for BLINDS.. (Manju)
निर्माल्य
निर्माल्य दो प्रकार का – 1. “स्वाहा” (अपना अधिपत्य त्यागता हूँ) कह कर चढ़ाया जाता है जैसे अष्ट द्रव्य, इसका दुबारा प्रयोग नहीं हो सकता
माला फेरना
भगवान के नाम की माला फेरने से फायदा ? आ. श्री विद्यासागर जी – जैसे आयुर्वेदिक दवा को बार बार घौटने से उसकी क्षमता (रोग
गारव
अहंकार + गृद्धता । सात गारव = मेरे तो बहुत साता रहती है । ऋद्धि तथा शब्द गारव = ऋद्धि/शब्दों पर गर्व । मुनि श्री
घड़ी
दो प्रकार की – 1. कलाई की 2. मुसीबत की मुसीबत की खराब होने पर थोड़े समय में ठीक होगी ही । कलाई वाली ठीक
गति / मति
कहते हैं – “जैसी गति, वैसी मति” पर गति-बंध होने के बाद मति, पूरी तरफ वैसी नहीं हो जाती । जैसे श्रेणिक ने नरक-गति बंधने
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