Month: February 2020
संक्रमण
आयु और मोहनीय का संक्रमण नहीं होता । गोत्र, नामकर्म आदि के संक्रमण सत्ता की अवस्था में ही संभव है, उदय में आने के बाद
सम्मान / आत्मसम्मान
सम्मान में झुकना, नम्रता और ऊंचाईयों की पहचान है.. लेकिन आत्मसम्मान खो कर झुकना, ख़ुद को खोने के समान है..! (सुरेश)
गुरुओं में शिथिलता
कुछ लोगों का सोच है कि ऐसे गुरु भी हमसे तो अच्छे हैं । पर तुलना किससे कर रहे हो ? मानो कोई गुरु 2
ज्ञान
सब कुछ सीखना ही ज्ञान नहींं है, कुछ चीजों को नज़रअंदाज करना भी ज्ञान है । (मंजू)
गतिभ्रमण
देव, नारकी इसलिये नहीं बनते क्योंकि उनके यहाँ आरम्भ, परिग्रह (नियोग है) नहीं होती । एक इंद्रिय इसलिये बनते हैं क्योंकि उनके स्पर्श-इंद्रिय लम्पटता बहुत
पुण्य / पाप
पुण्य के योग में सीता लंका में भी सुरक्षित थीं, और पाप के योग में द्रौपदी अपने महल में भी असुरक्षित । (ब्र.रेखा दीदी)
शिथिलाचारिता
शिथिलाचारिता 2 प्रकार की – 1. वैचारिक – दूसरों के लिये घातक नहीं । 2. वैचारिक के साथ साथ चारित्रिक भी, शिथिलाचारिता को ही मोक्षमार्ग
तीर्थंकर दर्शन / शिखिर जी यात्रा
नरक तथा तिर्यंच आयुबंध हो जाने पर शिखिर जी की यात्रा नहीं हो सकती, जैसे रावण नहीं कर पाया । जबकि समवसरण में जाकर तीर्थंकर
अनित्य
थोड़ी दूर/देर की यात्रा के लिये रिजर्वेशन नहीं कराते हैं, विषम परिस्थितियाँ भी झेल लेते हैं कि थोड़ी देर की ही तो बात है ।
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