Month: March 2020

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The river ending in the sea is not the end of story. The sea water again evaporates and rains to become a river. Moral: See

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सिद्धांत ग्रंथ

सिद्धांत ग्रंथों से खेलना, सांपों से खेलने जैसा Risky है । जरा सी असावधानी/अनादर हुआ तो कर्मबंध बहुत ज्यादा/विपरीत परिणाम । आर्यिका सुपार्श्वमति माताजी

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आसन

असन* करना है तो आसन करो (शरीर को एक अवस्था में स्थिर रखना)। आचार्य श्री विद्यासागर जी *धर्म साधना

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तप

पानी को थोड़ा गर्म करो तो मर्यादा 6 घंटे की, ज्यादा गर्म करो तो 24 घंटे की, यानि तप ज्यादा तो विशुद्धता ज्यादा । लालमणी

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हौंसला

चिड़ियाँ अपने बच्चों को “घौंसला” नहीं देतीं, सिर्फ ऊँचाइयाँ पाने का “हौंसला” देती हैं । मनुष्य सिर्फ घौंसले और घौंसले ही देते हैं । मुनि

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अमूर्तिक-द्रव्य

अमूर्तिक-द्रव्य, इंद्रियातीत पर ज्ञानगम्य (मति,श्रुत से भी) होते हैं । मुनि श्री प्रणम्यसागर जी मति/श्रुत-ज्ञान, इंद्रियों के माध्यम से ही नहीं, मन के माध्यम और

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परिग्रह छोड़ना

यदि चोरी हो जाये, तो क्या परिग्रह छूटा माना जा सकता है ? दान पूर्वक छोड़ना और चोरी होने में उतना ही फर्क है जितना,

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घृणा / क्रोध

घृणा और क्रोध अम्ल की तरह हैं। वे उन्हीं बर्तनों को बर्बाद कर देते हैं जिनमें वे रखे होते हैं। 🙏 ब्र.रेखा दीदी 🙏

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मंगल आशीष

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March 26, 2020