Month: March 2020
सूक्ष्म-स्थूल
चक्षु के अलावा चारों इंद्रियों के विषय सूक्ष्म-स्थूल होते हैं । चूंकि इनमें स्थूल Element हैं, इसलिये ये बाधित हो जाते हैं (गंध, शब्द आदि)
मायाचारी और स्त्री
मायाचारी स्त्री की पर्यायगत दुर्बलता भी है, क्योंकि उनके पास छुपाने को बहुत कुछ होता है । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
धर्म में दान
धार्मिक कार्यों में दान भरी ज़ेब वाले ही करते हैं, बिना ज़ेब (साधु) वालों की प्रेरणा/अशीर्वाद से, खाली ज़ेब वाले तो खाली (ख़राब – ख़राब)
अज्ञानता का फल
शानदार कोठी के बाहर बैठकर मालकिन भीख मांगती थी । कारण ? बेटा चैक भेजता था उसे वह दीवार पर सजाती जाती थी । हम
द्रव्यों का ज्ञान
दूसरों के स्वभाव को जानोगे तभी अपने को जानने की जिज्ञासा जगेगी, तब निष्कर्ष निकलेगा कि आत्म-तत्व ही श्रेष्ठ है । मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
आत्मा की शुद्धता
संसारी अवस्था में आत्मा को जब अशुद्ध मानोगे, तभी तो आश्रव/बंध/निर्जरा तत्वों को मानोगे/उन पर विश्वास करोगे !! मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
Service
Good service is when the customer comes back and goods don’t. अच्छे बोल से अच्छे लोग वापस आते हैं, बुरे बोल से बुरे बोल ।
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