Month: March 2020
शब्द
शब्द पौदगलिक, पुदगल से उत्पन्न (जिव्हा, कंठ आदि से), पुदगल से ही बाधित । मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
विशुद्धि
जैनेतर को मुनि बनने के लिये, जैन कुलीन से बहुत ज्यादा विशुद्धि चाहिये । ऐसे ही अनादि मिथ्यादृष्टि को सादि मिथ्यादृष्टि से ज्यादा विशुद्धता (सम्यग्दर्शन
Top
It is easy to get to the top after you get through the crowd at the bottom. (संसार में आम-लोगों से अलग कुछ करना होगा,
वैक्रियक के संहनन उदय
वैक्रियक के संहनन उदय कैसे घटित करें ? योगेन्द्र परमुख उदय में आयेगा, संस्थान के रूप में । पं. रतनलाल बैनाड़ा जी
एकला
अकेला चना भाड़ तो नहीं फोड़ सकता पर झाड़ जरूर उगा सकता है । शर्त है कि बीज अपना बीजपने का अहं छोड़ दे ।
जानना
जिसने पहले अपने को जान लिया, वह “पर” को जानने की जिज्ञासा क्यों करेगा ! आचार्य श्री विद्यासागर जी
Effort
Life is like riding a bicycle, you don’t fall off unless you plan to stop peddling. (साधु भी जब साधना में कमी कर लेते हैं,
तीर्थंकर प्रकृति
श्रेणिक को तो नरकायु बंध गयी थी, वे 12 शीलव्रतों का पालन कर नहीं सकते थे, तो सोलह कारण भावना कैसे भायी ? योगेन्द्र दर्शन-विशुद्धि
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