Month: April 2020
भद्र-मिथ्यादृष्टि
मंद-कषायी मिथ्यादृष्टि को भद्र-मिथ्यादृष्टि कहते हैं । ये सत्य को पाना तो चाहते हैं पर पा नहीं पाते । 123 जीव यहाँ से विदेह जाकर,
स्वाहा
परमार्थ में – अच्छे से (अच्छे उद्देश्य के लिये) समर्पित करना । संसार में – तबाह करना ।
मोह तोड़ना
इसके 2 तरीके हैं – 1. स्थूल – बाह्य; जैसे खलबट्टे से दलिया बनता है, आसान है, यह बुद्धि के स्तर पर होता है ।
सेवा / धर्म
कैंसर पीड़ित की सेवा करना अच्छी बात; कैंसर ना होने देना – धर्म, सबसे अच्छी बात । दोनों एक दूसरे के पूरक ।
स्वावलम्बन
16वें स्वर्ग के ऊपर के तीनों स्वर्गों में ना तो देवीयाँ होती हैं ना ही छोटे देव, रोज़मर्रा के कामों में स्वावलम्बन । कोरोना के
अंतराय
वीरांतराय कर्म के क्षयोपशम से भूख लगेगी, लाभान्तराय कर्म के क्षयोपशम से भोजन मिलेगा, पर भोगांतराय कर्म का क्षयोपशम नहीं तो भोजन को भोग नहीं
Lock-down
स्वर्गों में सदा Lock-down रहता है । मूल-शरीर का एक अंग भी विमान के बाहर नहीं जा सकता, बाहर देख भी नहीं सकते क्योंकि अंधकार
Distancing
कोरोना जैसी महामारी में distancing, physical होनी चाहिए, socially तो distances कम होने/ मिटने चाहिए, तभी हम मिलकर उससे महायुध्द जीत सकेंगे ।
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