Month: April 2020
दर्शन / प्रदर्शन
प्रदर्शन आवश्यक क्यों ? उच्च दर्शन के लिये उच्च प्रदर्शन आवश्यक होता है, जैसे भगवान का समवसरण ! ये कहना बेहतर होगा कि उच्च दर्शन
तृष्णा
पहले “साइकिल” की चाह, फ़िर उसमें जुड़ गई मोटर यानि “मोटर साइकिल”, फिर साइकिल तो पूरी निकाल दी “मोटर” रह गई । चिंतन
अर्थ-क्रिया
पदार्थ की प्रयोजनभूत क्रिया को अर्थ-क्रिया कहते हैं । घड़े की पानी ठंड़ा/शुद्ध करना, शरीर की भूख/प्यास शांत करनादि, आत्मा की सुखी/आनंदित रहना । पर
सपना
सपना देखना आसान, पूरा करने में ज़िंदगी भी कम पड़ जाये । ज़िंदगी को ही सपना मान लो तब सारे झंझट ही समाप्त । मुनि
धार्मिक समारोह
धार्मिक समारोहों में भीड़ बहुत दिखती हैं, उसमें श्रद्धा भी दिखती है, मौज-मस्ती भी । हम अपना कल्याण चाहते हैं तो श्रद्धा पर दृष्टि रखें
कर्म-बंध
काय-योग से शरीर के योग्य वर्गणायें, वचन-योग से वचन के योग्य वर्गणायें, मन-योग से मन के योग्य वर्गणायें लगातार/automatically ग्रहण होती रहतीं हैं । मुनि
भावना
किसी के/सबके भले के लिए शांति की भावना भाने से उसका/सबका भला हो सकता है, क्योंकि उसके जीवन में परेशानी आने से हमको अशांति होती
सम्यग्दृष्टि
तलवार की धार पर रखी पानी की बूँद कटती नहीं है बल्कि मोती की तरह चमकती है । ऐसे ही सम्यग्दृष्टि कुतर्कों से ! मुनि
व्यवस्थित
हर “वार” (दिन), “रविवार” होता है (Relaxed Mood), उनका… जिनका जीवन व्यवस्थित होता है ।
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