Month: May 2020
कुँआ / बोरिंग
कुँए का पानी वाहन से लाने में तथा बोरिंग के पानी में हिंसा तो दोनों में है, पर वाहन की हिंसा बाहर रह जाती और
बोलना / सुनना
विकलेंद्रिय (2 से 4 इंद्रिय) वाले (बिना कान के कीड़े) बोलते रहते हैं, सुनते नहीं हैं । यदि हम भी बोलते अधिक हैं, सुनते कम
भाव / उपयोग
भाव (शुभ/अशुभ) मन के, उपयोग आत्मा का । भाव से उपयोग, शुभ उपयोग तो भाव शुभ, पर भाव शुभ तो उपयोग शुभ हो भी या
स्वीकृति
जीवन में वह सब सरल जिसे स्वीकार लिया और वह सब कठिन जिसे नकार दिया । फिर चाहे वह धर्म का हो या अधर्म का
शुभोपयोग
तीर्थंकर भी हजारों बार शुभोपयोग में रहते/आते हैं, क्योंकि शुद्धोपयोग में तो अंतर्मुहूर्त से ज्यादा रह नहीं सकते हैं । चिंतन
प्रवृत्ति / निवृत्ति
वीतराग/अहिंसा धर्म में पहले उपदेश साधु बनने का/ छोड़ने का होता है, क्योंकि इसमें निवृत्ति की प्रमुखता है । अन्य मत प्रवृत्तिआत्मक होते हैं ।
तप
प्राय: हम लोग शारीरिक तप करते हैं; पर वाचन और मानसिक तप ज्यादा कारगर होते हैं । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
सत्य की शक्ति
सत्य दुनिया को बदल सकता है, पर सारी दुनिया मिलकर भी सत्य को नहीं बदल सकती ।
सिद्ध/अतिशय क्षेत्र
सिद्ध-क्षेत्र भगवानों के (निर्वाण) निमित्त से बनते हैं, परमार्थ के लिये । अतिशय-क्षेत्र भक्त बनाते हैं, संसार और परमार्थ दोनों के लिये । मुनि श्री
कोरोना और धर्म
भगवान महावीर ने खुद के दर्शन करने को नहीं कहा, पूजादि करने को भी बाद में कहा; पहले खानपान की शुद्धता पर जोर दिया; जो
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