Month: June 2020

संबोधन

महावीर भगवान ने राजा श्रेणिक को मुनि को संबोधन करने भेजा ताकि वे भावों को संभाल सकें (उत्तर पुराण) । पर आदिनाथ भगवान के सामने

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सन्निधि

विधि व निधि* होते हुए भी यदि सन्निधि** नहीं तो सब बेकार । * विवेक/बुद्धि ** धर्म से जुड़ना आचार्य श्री विद्यासागर जी

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असुर देवों की लेश्या

पर्याप्तक अवस्था में भी असुर देवों में अशुभ लेश्या घटित हो सकती है जब वे नारकियों के साथ हिंसात्मक क्रियायें करते/कराते हैं । आर्यिका श्री

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समस्या

समस्या को तपस्या बना लो, फ़िर वह समस्या नहीं रह जाती । कैसे बनायें ? समस्या को स्वीकार करके ।

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मुनि को आहार

मुनि को आहार ना दे पाओ तो जिसके चौके में हुआ हो, उसको आहार दे दो, तुमको मुनि को आहार देने का फल मिल जायेगा

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प्रतिक्रमण

घर में रह रहे व्रती को प्रतिक्रमण करने को नहीं कहा क्योंकि वे प्रायश्चित/प्रत्याख्यान नहीं कर सकते । फिर भी कोई प्रतिक्रमण करता है तो

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चाह

जीवन को “आह” से “वाह” में परिवर्तित करने के लिये “चाह” हटाना होगा । तब जीवन को “राह” मिल जायेगी ।

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अपरिग्रह

अपरिग्रह जैनियों का विशेष धर्म है, पर Followers परिग्रही क्यों ? सिद्धांत को तो मानते हैं । पर सामाजिक मूल्य भी आजकल वैभव से तौले

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महान

पहले अपने मन पर नियंत्रण करें, फ़िर अपने माता-पिता/गुरु की नज़र में महान बनें । बस! फ़िर किसी और की चिंता मत करना, कोई महान

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मंगल आशीष

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June 5, 2020