Month: July 2020

मूर्ति/भगवान

भगवान… स्व-चतुष्टय से बनते हैं । मूर्ति… पर-चतुष्टय से (द्रव्य का उपादान, दातार के भाव, क्षेत्र, सूर्य मंत्र देने वाले मुनि की साधना) जो बाहर

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विकार

मन में विकार तो आयेंगे ही, पर मन को विकारी होने से बचाओ ।

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राग / मोह

राग और मोह में फर्क ? मोह में राग आता है (चारित्र मोहनीय), राग में मोह नहीं । मुनि श्री सुधासागर जी

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देशभक्ति

तमन्ना तो मेरी भी थी देश के लिये कुछ करने की, पर क्या करूँ ! पेट भर गया तो नींद आ गयी ।

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षट कर्म/आवश्यक

संसार चलाने के लिये षट-कर्म, उनमें जो दोष लगते हैं उनके लिये षट-आवश्यक । मुनि श्री सुधासागर जी

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वैभव

कहते हैं – कैंचुली उतारने से सर्प विषहीन हो जाता है, हालाँकि विष तो दांतों में होता है । वैभव में पाप नहीं है, पर

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कायोत्सर्ग

सबसे छोटा 25 श्वासोच्छवास का होता है, उसे हमने 27 श्वासोच्छवास कर लिया । मंत्र/णमोकार से जोड़ दिया,एक णमोकार ३ श्वासोच्छवास में होता है ।

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नियतिवाद

यदि नियतिवाद को अपनाओगे तो स्वच्छंदता पनपेगी; ना संसार चल पायेगा, ना परमार्थ ।

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करुणाभाव

करुणाभाव मोह नहीं, शुभोपयोग है । करुणा का अभाव, मोह की प्रबलता में ही आता है । मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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मंगल आशीष

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July 21, 2020