Month: August 2020
सम्यक्त्व / मिथ्यात
असली हीरे को नकली मानना अज्ञानता है, आज नहीं तो कल उसकी असली कीमत आंकने लगोगे । नकली को असली मानना भ्रम/ हंसी के पात्र
उत्तम आकिंचन्य धर्म
त्याग के बाद त्याग के ममत्व का त्याग …आकिंचन्य धर्म है । झगड़ा….मेरा, तेरा, ये मेरा ये तेरा; समाधान ..न मेरा, न तेरा, जग चिड़िया
आचार
दर्शन, ज्ञान, चारित्राचार के बाद तपाचार (निर्जरा में तेजी के अलावा) पहले तीनों को अभेद रूप करने के लिये आवश्यक है, जैसे हलुए का स्वाद/सुगंधि
उत्तम त्याग धर्म
त्याग सर्वस्य का (दान अंश का) 4 बातें … 1) कमाना ..जरूरतों/ ज़रूरतमंदों के लिए । न्याय और अहिंसक तरीकों से । जब तक स्वास्थ
उत्तम तप/त्याग
दस धर्म में त्याग से पहले तप इसलिये लिया है – पहले बाह्य त्याग करके मुनि बनते हैं, तब ही तप कर पाते हैं ।
उत्तम तप धर्म
इच्छा निरोधः तपः तप… 1) क्या ?.. विषयों का निरोध । आ.श्री ..अपेक्षा निरोधः तपः । 2) क्यों ?..आध्यात्मिक उपलब्धियों के लिए, भौतिक gains के
प्रार्थना / मिथ्यात्व
भगवान की शरण में संसारी इच्छा-पूर्ति के लिये जाना मिथ्यात्व नहीं है, अज्ञानता है जैसे वृक्ष से छाया मांगना । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
उत्तम संयम धर्म
संयम = सही यतन/ आत्मनियंत्रण संयम के लिए … 1) निषेध – मन को निषेध-आज्ञा देने पर, वह पापों की ओर नहीं भागता है ।
व्यवहार / निश्चय
व्यवहार – पर की अपेक्षा, जैसे बच्चे को माँ झूठ कह देती है कि लड़्ड़ू खत्म हो गये । निश्चय – पर का सहारा नहीं,
उत्तम सत्य धर्म
अप्रिय/ अहितकर सत्य भी असत्य है, प्रिय/ हितकर असत्य भी सत्य है । 1) सत्य को जानें – जो भी दिख रहा है वह सब
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