Month: August 2020
उपवास
आदिनाथ भगवान के अलावा सब तीर्थंकरों ने बेला/तेला का नियम लेकर दीक्षा ग्रहण की थी । शायद यह एक संदेश हो कि उपवास शक्ति अनुसार
हिंसा – सैनिक/राज्यविस्तार
सैनिक की हिंसा संकल्पी नहीं, विरोधी होती है । अणुव्रती के लिए भी इसका निषेध नहीं है । राज्यविस्तार की… संकल्पी नहीं, आरंभिक होती है,
समय/जीवन बर्बाद
एक भिखारी सिर्फ सिक्के उठाता था, नोट वापस कर देता था । सब लोगों ने खेल बना लिया, वह बड़े बड़े नोट लौटा देता था
यक्ष-यक्षणी
यक्ष-यक्षणी व्यंतर होते हैं, जिनकी आयु पल्यों में होती है, तो आदिनाथ आदि भगवानों के समय के यक्ष-यक्षणी तो आज रहे नहीं । 2) यदि
जानवर / मनुष्य
(सुरेश) अनर्थ-वाचन तथा मायाचारी के कारण मनुष्य जानवरों से भी पीछे रह जाता है ।
क्षयोपशम/क्षायिक सम्यग्दर्शन
आ. श्री विद्यासागर जी को ऐसा लगता है कि क्षयोपशम सम्यग्दर्शन है, क्योंकि वे विपरीत परिस्थितियों में में भी प्रसन्न रहते हैं । कमलाबाई जी
दोष
दांत तोड़ने के लिये एक छोटा सा कंकड़ ही काफ़ी होता है; ऐसे ही छोटा सा दोष जीवन को तोड़ने के लिए काफ़ी होता है
सौधर्म-इन्द्र
कल्याणक मनाने के लिये सोलहवें स्वर्ग के इन्द्र अपने अपने देवों के साथ सौधर्म-इन्द्र के पास आते हैं । वहाँ से जलूस में मध्यलोक आते
वात्सल्य
शरीर से जो भी निकलता है, वह गंदा होता है, पर दूध क्यों नहीं ? क्योंकि दूध वात्सल्य से निकलता है । आर्यिका श्री सुपार्श्वमती
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