Month: October 2020

सूतक

बच्चे के जन्म पर क्योंकि आपने संसार बढ़ाया, मृत्यु पर क्योंकि आपने दु:ख मनाया (संसार घटाने पर) ।

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घमंड

हर छत, ऊपर मंज़िल बनने पर फर्श बन जाती है । छत को घमंड ना आये, ऐसा क्या करें ? यश-बड़वानी हर उपलब्धि को छत

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संज्ञायें

सुबह, आहार संज्ञा प्रमुख रहती है, दिन में परिग्रह, शाम को भय, रात्री में मैथुन । मुनि श्री अविचलसागर जी

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भगवान / गुरु

अपनी प्रेम करने वालों की सूची में, भगवान/ गुरु को कम से कम नीचे तो रख लो । Top पर तो वे अपने आप आ

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भक्ति

भक्ति का साधारण फल … साधारण-जनों को स्वयं तथा परिवारजनों/भोगियों को सुख एवं राग होगा । भक्ति का विशेष फल… सम्यग्दृष्टियों को शाश्वत-सुख मिलेगा ।

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जीवन-यात्रा

जीवन-यात्रा… “क्या नहीं” से “क्या है” तक की ही होती है । प्यार पाने (प्यार तो कुत्ते से भी मिल जाता है) से इज्जत पाने

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रक्षक देव

रक्षक-देवों का कोई निश्चित स्थान नहीं होता है । रक्षक तो घूमते रहते हैं । किसी भी शास्त्र में मंदिर में इनके स्थान का वर्णन

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विज्ञान

ज्योतिष-विज्ञान असफल हो सकता है, क्योंकि बहुत से जीवों की एक सी ग्रहदशा होती है । पर स्वर-विज्ञान नहीं क्योंकि वह हर व्यक्ति की विशेष

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श्रमण / श्रावक

श्रमण वह आग है, जिनमें ईंधन नहीं होता, उसका ईंधन, श्रावक होता है । मुनि श्री सुधासागर जी

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धोख़ा

उड़ती हुई धूल को गुलाल मानना तो आसान है, पर आंखों में फेंकी धूल को गुलाल कैसे मानें ? यश-बड़वानी आ.श्री विद्यासागर जी कहते हैं

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मंगल आशीष

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October 31, 2020